अभी हाल ही में जलदाय विभाग के पानी के टेंकरों का पानी बेचे जाने को सरकार ने गंभीरता से लिया है। सरकारी पेयजल टेंकर के दुरूपयोग पकड़े जाने पर अब संबंधित ठेका फर्म को दस हजार रुपए की पैनल्टी देनी होगी। पहले ये जुर्माना राशि एक हजार रूपए थी लेकिन अनियमितता संबंधी शिकायतें अधिक आने पर इसमें इजाफा किया गया है। जल भवन में हुई पेयजल योजनाओं की समीक्षा बैठक में ये निर्णय लिया गया। जलदाय मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में ग्रामीण इलाकों में बन्द पड़े साढ़े पांच सौ हैण्डपम्प को दुबारा चालू कराने का फैसला किया गया। बैठक मे विधायक फण्ड से लगाए बोरिंग पर लगने वाली बिजली का खर्चा भी सरकार द्वारा वहन करने का निर्णय लिया गया।
अभी हाल ही में जलदाय विभाग के पानी के टेंकरों का पानी बेचे जाने को सरकार ने गंभीरता से लिया है। सरकारी पेयजल टेंकर के दुरूपयोग पकड़े जाने पर अब संबंधित ठेका फर्म को दस हजार रुपए की पैनल्टी देनी होगी। पहले ये जुर्माना राशि एक हजार रूपए थी लेकिन अनियमितता संबंधी शिकायतें अधिक आने…
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